विद्यार्थी के व्यक्तित्व का बहुआयामी विकास सुनिश्चित करते हुए उसे लक्ष्य तक पहुँचा
देना, उसके अन्तर्मन में मानवीय गुणों को भी विकसित कर देना भी उच्च शिक्षा का उद्देश्य
है।
हमारे महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रकाश स्तम्भ हैं, जिसका प्रकाश विद्यार्थिओं
के माध्यम से सम्पूर्ण समाज और संसार में फैलता है।
विद्यार्थी के अन्तर्मन में जीवन मूल्यों का आधार शिक्षा के इन्हीं मंदिरों में होता
है। मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग निरन्तर इस दिशा में प्रयासरत है।
शिक्षण संस्थाओं की संख्यात्मक अभिवृद्धि, गुणवत्तामूलक शिक्षण एवं विद्यार्थियों की
बहुआयामी उपलब्धियाँ इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि उच्च शिक्षा विभाग अपने लक्ष्य
की प्राप्ति में पूर्णतः सफल रहा है।
मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग निरन्तर प्रयत्नशील है कि शिक्षण संस्थाओं में अध्यनस्थ
युवा शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक रूप से सशक्त हों, ऊर्जावान हों।
इसके साथ ही इन युवाओं में सांस्कृतिक, सामाजिक, नैतिक प्रतिबद्धता हो, उनमें मूल्यबोध
हों, संस्कार हों और वे संवेदनशील भी हों ताकि ये युवा अध्ययनोपरान्त जब समाज में जायें
तब अपना श्रेष्ठतम योगदान देते हुए मानवता की सेवा कर सकें।
महाविद्यालयों के कला, विज्ञान एवं वाणिज्य आदि संकायों में शिक्षण व्यवस्था एम्बैसडर
प्राध्यापकों के माध्यम से सशक्त हुई है। विभिन्न नवाचारों के माध्यम से भी शिक्षण
व्यवस्था प्रभावशील हुई है।